Friday, February 21, 2014

साक्षात्कार : क्या साम्प्रदायिकता भारत का मूल चरित्र बन सकता है ??

चन्द्रशेखर प्रसाद : प्रश्न पूछते हुए -

आज कमोबेश समूचा भारत सांप्रदायिक ताकतों के बहलावे  में है| उत्तर क्या दक्षिणक्या पूरब,
क्या पश्चिम हर तरफ सांप्रदायिक दंगों के चर्चे-परिचार्चे उत्सवों और मेलों की तरह मनाई जा रही है|
आपकी दृष्टि में इस समाज के लिए सुखद है या दुखद और साम्प्रदायिकता किस तरह हमारे जीवन 
में समां  चुकी हैहमें इससे निजात पाने के उपाय करने चाहिए या नहीं |

उत्तर देते हुए :

सोनालिका सिंह शिक्षिका, गणित विभाग एस.वी.एन.आई.टी.सूरत ),
संकिता पटेल     ( सहायक प्रोफेशर, कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग,एस.वी एन.आई.टी.सूरत ),
डॉ उपेना दलाल  एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रोनिक इंजीनियरिंग विभाग,एस.वी.एन.आई.टी.सूरत  ),
डॉ डिम्पल शाह   ( असिस्टेंट प्रोफेसर, भौतिकी विभाग, एस.वी.एन.आई.टी.सूरत ),
प्रीति गुप्ता         ( बिजनेस असोसिएट,इन्स्पिरोन टेक्नॉलोजी, नयी दिल्ली )


© चन्द्रशेखर प्रसाद

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