सरदार
वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,सूरत एवं विवेकानंद शैक्षणिक सांस्कृतिक एवं क्रीडा
संस्थान के युग्म बैनर तले स्वामी
विवेकानंद की 150वी जयंती
स्वामी विवेकानंद भवन छात्रावास संपन्न हुआ| समारोह में कार्यक्रम के अतिथि डॉ. आर. ए. क्रिस्चन, डॉ. वी. एल. मानेकर, डॉ. जी. जे. जोशी, डॉ रविकांत, श्री एन. के. दत्ता, श्री शैलेन्द्र कुमार एवं स्वामी विवेकानंद
भवन छात्रावास के मुख्य छात्रावास अधिक्षक डॉ ए. के. राय मंचासीन थे|
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया | फिर आज बदलते परिवेश में भी स्वामी विवेकानंद जी के
विचार कितने सार्थक एवं प्रासंगिक है –इसपर देर शाम चर्चा हुई | डॉ
जी जे जोशी ने स्वामी जी के जीवन चरित्र- युवा पीढ़ी एवं उनके बताये गए संदेशों को विस्तृत
रूप से समझाया | मौके पर डॉ आर ए क्रिस्चन ने कहा -सर्वधर्म
सम्भाव के हिमायती थे विवेकानंद, मानवजाति का दुर्भाग्य है कि वह उन महर्षियों के
सिधान्तो को न अपनाकर पथभ्रष्ट हो रहे हैं
|इसप्रकार सभी अतिथियों ने अपने अपने मंतव्य रखे |मौके पर छात्रावास
प्रवंधन सचिव एवं विवेकानंद शैक्षणिक सांस्कृतिक एवं क्रीडा संस्थान के का. अध्यक्ष (गुजरात
प्रभाग ) चन्द्रशेखर प्रसाद ने चर्चा के
दौरान कहा कि आखिर क्यों स्वामी जी का जीवन आज भी प्रासंगिक है ? इस बात कि पुष्टि
के लिए उन्होंने स्वामी जी के जीवन चरित्र को आलोकित किया |जिस तरह अँधेरा चीरने के लिए एक किरण काफी है उसी तरह युवा पीडी
को मार्गदर्शित करने के लिए उनके सन्देश प्रयाप्त है | जहाँ समाज में भ्रष्टाचार
,असंतोष व्याप्त है, नारियों के प्रति
अपराध बढ़ते जा रहे है ऐसी परिस्थितियों
में स्वामी जी युवाओं के लिए प्रेरणा
स्रोत हो सकते है|
साथ ही छात्रावास प्रवंधन सचिव प्रतिक आनंद, अमित कुमार, प्रशांत अग्रवाल
एवं छात्र की ओर से दीपंकर दास, आलोक कुमार, एवं जितेन्द्र कुमार ने भी अपने –अपने मंतव्य रखे और स्वामी जी के
जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला| अंत में डॉ. ए. के. राय ने कहा आज समाज में संस्कारित
व अनुशासित युवाओं की आवश्यकता है। आज का युवा पथ भ्रमित हो रहा है। अगर जरुरत है कि युवा पीढ़ी
स्वामीजी के सन्देशों को चरितार्थ करे | स्वामी जी का सन्देश सभी छात्रों तक
पहुंचे ,लोग उनको याद करके उनके सन्देश को चरितार्थ करे इसी लिए छात्रावास में भी
इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया | उन्होंने
कार्यक्रम के आयोजको को धन्यवाद एवं शुभकामना दिया |
लोकतेज, सूरत