Thursday, March 22, 2012

SENSETION AWAKENING WORKSHOP (सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दो दिवसीय संवेदना जागृति कार्यशाला का आयोजन ):


सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,सूरत के बैनर तले हिंदी प्रचार- प्रसार कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय संवेदना जागृति कार्यशाला रविवार को धूमधाम से संपन्न हुई समारोह मे मुख्य अतिथि पद पर श्री हीरालाल यादव जी एवं विशिष्ट अतिथि पद पर 5 गुजरात बटालियन कर्नल विमल मलिक विराजमान थे |.इनके अलावा निदेशक डॉ. पी. डी. पोरे , कुलसचिव डॉ एच. ए. परमार , कार्यक्रम के संयोजक का. हिंदी अधिकारी डॉ. के. डी. यादव मंचासीन थे |



कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया | तद्पश्चात डॉ. के डी यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की | मौके पर मुख्य अतिथि ने हिंदी की उपयोगिता के संदर्भ मे कई तथ्यों को प्रस्तुत किया | साथ ही विशिष्ट अतिथि ने कहा आज की परिस्थितियों में विज्ञान व् हिंदी का विकास दोनों ही महत्वपूर्ण है साथ ही व्यक्ति के समुचित विकास हेतु उनकी संवेदनाओं को जीवित रखना आवश्यक है जो ऐसे कार्यक्रम के द्वारा ही संभव है ” |कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. हीरालाल यादव ने समाज में जागृति लाने के लिए समाज के कुछ संवेदनशील पहलुओं को आलोकित किया | इस कार्यक्रम के केंद्र बिंदु भारतीय रक्षा तंत्र एवं आतंकवाद, सामाजिक कुरीति (कन्या-भ्रूण हत्या), राजभाषा (हिंदी) एवं पर्यावरण (ग्लोबल वार्मिंग) थे | साथ ही उन्होने कई वीर जवानों जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है उनके अंतिम खत पढ़े, जो विभिन्न युद्धों के दौरान शहीद हुए थे | साथ ही उनके परिजनों से फ़ोन द्वारा एवं ऑनलाइन बातचीत हुई | सभी ने उनके माता-पिता को आश्वासन देते हुए ये एहसास दिलाया कि पूरे देश को उनपर नाज़ है और आज देश को उनके जैसे सपूतों की जरुरत है | कन्या भ्रूण हत्या के सन्दर्भ में वार्ता के दौरान हीरालाल यादव जी ने कहा कि अगर स्व. कल्पना चावला के माता पिता ने भी ऐसा सोचा होता और एक कन्या को जन्म नहीं देते तो क्या देश को कभी कल्पना चावला जैसी अंतरिक्ष यात्री मिल पाती ?पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने हेतु ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम एवं बचाव जैसे मुद्दों पर खूब मंथन किया गया | साथ ही विषय से जुड़े पहलुओं को प्रदर्शनी के माध्यम से भी रु-ब-रु किया गया फिर संस्थान के प्रथम वर्ष के ( स्वीटी ,पूजा ,जीतेन्द्र ,कल्याणी ,पल्लवी ,प्रिया ,यूनिस ,विजय ,उषा ,ज्योत्सना ,ऐश्वर्या, रूचि ) छात्र -छात्राओं ने चन्द्रशेखर प्रसाद एवं परमानन्द सागर निर्देशित "कन्या भ्रूण हत्या "रोकने हेतु संदेशयुक्त “बेटी बचाओ“ लघुनाटक का भी मंचन किया |कार्यशाला के अंतर्गत उपर्युक्त विषयों पर आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं में विभिन्न विद्यालयों एवं कालेज से आये छात्र छात्राओं ने सक्रियता दिखाई |इस कार्यशाला में लगभग 200 प्रतिभागी शरीक हुए | अंत मे पुरस्कार वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ |मंच संचालक की भूमिका कार्यक्रम के सह- संयोजक - चन्द्रशेखर प्रसाद निभा रहे थे और इसमें यशराज चौधरी और परमानन्द सागर उनका साथ दे रहे थे |


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