4 सितम्बर को छात्रों की वाकपटुता का अवलोकन करने
के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था| इसमे
एस.वी.पी. विद्यालय के छात्रों
ने भी बड़े उतसाह के साथ भाग लिया | 6
सितम्बर को प्रश्नोत्तरी (क्विज) तथा
निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | खचाखच भरे हॉल में करीब 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर हिंदी के प्रति अपनी
अभिरुचि दिखाई | प्रश्नोत्तरी में 60मिनट में पचास प्रश्न दिए गए थे जो विभिन्न
श्रेणियों में थे| साथ ही निबंध प्रतियोगिता में सबकी अवलोकन क्षमता तथा
अभिव्यक्ति को परखा गया | 8 सितम्बर को नजरिया (स्लाइड शो) का आयोजन किया गया जिसमें कुछ वीडियो तथा चित्र देखकर उसके बारे में अपने विचार लिखने थे | कुछ सामान्य ज्ञान तथा कल्पनात्मक प्रश्न भी दिए गए थे | इंजीनियरिंग कर रहे विद्यार्थियों के अंदर छिपे कला को बहार लाने के लिए चित्रकला प्रतियोगिताका भी आयोजन किया गया था | यह प्रतियोगिता स्कूली छात्रों के लिए भी आयोजन किया गया |सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत 9 सितम्बर के शाम को साथ ही अभिव्यक्ति (नाटक) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इसमे 8 समूहों ने हिस्सा लिया | साथ ही 13 सितम्बर को सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम छात्र कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया | जिसमें कुल 14 छात्र कवियों ने भाग लिया | इसमें अभियांत्रिकी छात्रों में छिपे कवियों का जौहर सामने आया | सभी रसों के संगम में गोता लगाते दर्शकगण दाद देने व तालियाँ बजाने से खुद को रोक नहीं पा रहे थे | काव्य रस की यह धारा देर शाम तक बहती रही एवं श्रोता इसकी अमृत वर्ष में देर शाम तक भींगते रहे| अंत में सभी कवियों को पुरस्कृत भी किया गया |
14 सितम्बर, दिन शनिवार को हिंदी दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया| इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.एस.डी.शर्मा (विमानपत्तन
निदेशक,सूरत) संस्थान के कुलसचिव एच.ए. परमार एवं कार्यकारी हिन्दी अधिकारी डॉ. के.डी.यादव
मंचासीन थे| सर्वप्रथम
डॉ. के.डी.यादव ने अपने स्वागत भाषण में विगत वर्ष के आयोजित कार्यशालाओं,गतिविधियों
एवं प्रतियोगितों से लोगों को अवगत कराया साथ ही स्नेह व सम्मान युक्त शब्दों से
अतिथियों का स्वागत किया| मुख्य
अतिथि ने राजभाषा हिन्दी के विषय में चर्चा की साथ ही संस्थान के द्वारा हिन्दी प्रचार-प्रसार
के लिए कर रहे प्रयासों के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की |
डॉ.शर्मा ने बताया की हिन्दी के प्रचार प्रसार में फिल्मों का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन हिंदी भाषा के प्रयोग से वे धनार्जन भी करते है साथ ही लोकप्रिय भी बन जाते है परन्तु ‘फिल्म फेयर अवार्ड समारोह’में मंच पर जाके अंग्रेजी में बोलते है यह उन्हें शोभा नहीं देता| साथ ही उन्होंने कुछ व्यंग युक्त कवितायें सुनाकर लोगों का खूब मनोरंजन भी किया |
इस कार्यक्रम को यादगार रखने के लिए अतिथियों को स्नेहयुक्त मोमेंटो भेंट देकर उनका आतिथ्य किया गया | अंत में डॉ के.डी.यादव के द्वारा आगंतुक अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ-साथ हिंदी पखवाड़ा प्रबंधक चन्द्रशेखर प्रसाद एवं यश राज चौधरी के सराहनीय सफल प्रयासों का प्रशंसा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य हेतु कमाना किया| मंच संचालक की भूमिका चन्द्रशेखर प्रसाद एवं सुरभि अग्रवाल निभा रहे थे |
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