बड़े ही फक्र के साथ हम कह सकते हैं कि हमारे संस्थान ने 50 साल पूरे कर लिए हैं|
जितना सुनहरा अतीत एस.वी.एन.आई.टी. का रहा है शायद ही किसी अन्य संस्थान का रहा होगा | 50 वर्षों के सफ़र में इसकी रफ़्तार सराहनीय रही है |
पास हुए विद्यार्थी भी इसकी यादों को अपने स्मृति–ग्रन्थ में संजोए है | पिछले कुछ वर्षों में इस संस्थान की ख्याति व गौरव और भी ज्यादा बढ़ी है | शिक्षकों के मार्गदर्शन, उचित परामर्शएवं छात्रों के कठिन मेहनत, गहरी लगन और दृढ निष्ठा का ही परिणाम है कि आज अपने संस्थान का दर्जा सबसे अच्छे संस्थानों की श्रेणी में आता है | यहाँ के विद्यार्थियों ने सिर्फ टेक्निकल ही नहीं, बल्कि जीवन केविभिन्न क्षेत्रों में अपनी अद्वितीयपहुँच स्थापित की है | चाहे साहित्य हो खेल या सांस्कृतिक,हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है | वहीँ दूसरीओर हमारे प्रज्ञावान गुरुजनों ने भी रिसर्च के क्षेत्र में सकारात्मक एवं प्रशंसनीय भूमिका निभाई है और प्रयास जारी है | विदेशो में भी इन्होने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है | व्यक्तिगत स्तर पर शिक्षकों ने संस्थान को बहुत कुछ दिया है और उन्नति हेतु प्रयासरत हैं | साथ ही साथ संस्थान के आधारभूत संरचना का भी जबरदस्त विस्तार हुआ है | हॉस्टल की संख्याएँ बढ़ती जा रही हैं और सुविधाएं भी बेहतर हो रही हैं | सचमुच सूरत जैसे शहर के बीचस्थित इस संस्थान की भव्यता अपूर्व है |
रहती है, लेकिन इधर के वर्षों में चीजें बड़ी तेजी से बदल रही है , रोज कुछ
नया देखने - सुनाने को मिलाता है | निर्देशक के नेतृत्व में जिस तरह संस्थान की अस्मिता को जगाने का प्रयास हो रहा है | हम दावे के साथ कह सकते हैं कि अपना संस्थान नई अंगड़ाई लेने को तत्पर है | अपना संस्थान गुजरात में शिक्षा और मनोरंजन का मुख्य केंद्र रहा है |
जहाँ एक ओर लोगों ने संस्थान में पाश्चात्य संस्कृति को अपनाया है वहीँ दूसरी ओर अपनी संस्कृति की अस्मिता व गरिमा
को भी बढ़ावा दिया है | कॉलेज में गणपति पूजा , सरस्वती पूजा, जन्माष्टमी, गुरुनानक जयंती, नवरात्रि , महाशिवरात्रि , होली आदि बड़े धूम - धाम से मनाये जाते हैं | प्रत्येक वर्ष कॉलेज में बड़े - बड़े कार्यक्रम जैसे : म़ाइन्डबेन्ड, स्पर्श ,चुनौती,
औटमफेस्ट , मनोज मेमोरियल नाईट टूर्नामेंट, आदि आयोजित होते रहे हैं | माइन्डबेन्ड जो कि गुजरात का सबसे बड़ा टेक्निकल फेस्टिवल है , जिसका बजट प्रत्येक वर्ष आसमान छू रहा है | इसमें भाग लेने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभागी यहाँ आते हैं | हमारे संस्थान के छात्र भी विदेशों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में सरिक हो रहे है | किसी ने खूब कहा है :
"कुछ कर गुजरने का जूनून जहाँ होता है, वहाँ जिंदगी रहती है, खुदा होता है,
जुस्तजू हो तो सफ़र खत्म कहाँ होता है ,यूँ तो हर मोड़ पर मंजिल का गुमाँ होता है ........"
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